yad shayari

  तेरे हसींन ख्या़लों से ऱूबरू होकर

       मेरी साँसें निख़र जाया करती है

फिर वो तमाम रात तेरे ख्वा़बों में

        बस यूँही गुज़र जाया करती है



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